जो पहले रोज़ से दो आँगनों में था हाइल By Sher << कहा जो मैं ने मेरे दिल की... बुलंद हाथों में ज़ंजीर डा... >> जो पहले रोज़ से दो आँगनों में था हाइल वो फ़ासला तो ज़मीन आसमान में भी न था Share on: