बुलंद हाथों में ज़ंजीर डाल देते हैं By Sher << जो पहले रोज़ से दो आँगनों... शग़्ल था दश्त-नवर्दी का क... >> बुलंद हाथों में ज़ंजीर डाल देते हैं अजीब रस्म चली है दुआ न माँगे कोई Share on: