जो सज़ा दीजे है बजा मुझ को By Sher << फलदार था तो गाँव उसे पूजत... सवाल ये है कि इस पुर-फ़रे... >> जो सज़ा दीजे है बजा मुझ को तुझ से करनी न थी वफ़ा मुझ को whatever punishment you mete, will be surely meet, i should not have loved you so, my freedom is forfeit Share on: