जो शख़्स न रोया था तपती हुई राहों में By Sher << जो तमाम उम्र रहा सबब की त... इस ए'तिराफ़ से रस घुल... >> जो शख़्स न रोया था तपती हुई राहों में दीवार के साए में बैठा तो बहुत रोया Share on: