जो तमाम उम्र रहा सबब की तलाश में By Sher << 'ख़ुर्शीद' अब कहा... जो शख़्स न रोया था तपती ह... >> जो तमाम उम्र रहा सबब की तलाश में वो तिरी निगाह में बे-सबब नहीं आ सका Share on: