जो ये कहे कि रेख़्ता क्यूँके हो रश्क-ए-फ़ारसी By Sher << तमाम उम्र हवा फांकते हुए ... तसव्वुर ख़ाना-आबादी करेगा >> जो ये कहे कि रेख़्ता क्यूँके हो रश्क-ए-फ़ारसी गुफ़्ता-ए-'ग़ालिब' एक बार पढ़ के उसे सुना कि यूँ Share on: