जुनून-ए-मोहब्बत यहाँ तक तो पहुँचा By Sher << रहमान के फ़रिश्ते गो हैं ... हम सीं मस्तों को बस है ते... >> जुनून-ए-मोहब्बत यहाँ तक तो पहुँचा कि तर्क-ए-मोहब्बत किया चाहता हूँ Share on: