जूता नया पहन के वो पंजों के बल चले By Sher << रमज़ाँ में तू न जा रू-ब-र... ज़ाविया धूप ने कुछ ऐसा बन... >> जूता नया पहन के वो पंजों के बल चले कपड़े बदल के जामे से बाहर निकल चले Share on: