कब से टहल रहे हैं गरेबान खोल कर By Sher << कब तक पड़े रहोगे हवाओं के... जो चुप-चाप रहती थी दीवार ... >> कब से टहल रहे हैं गरेबान खोल कर ख़ाली घटा को क्या करें बरसात भी तो हो Share on: