कब तक पड़े रहोगे हवाओं के हाथ में By Sher << खिड़की ने आँखें खोली कब से टहल रहे हैं गरेबान ... >> कब तक पड़े रहोगे हवाओं के हाथ में कब तक चलेगा खोखले शब्दों का कारोबार Share on: