कभी दरवेश के तकिया में भी आ कर देखो By Sher << लाश क़ातिल ने खुली फेंक द... जो परिंदे उड़ नहीं सकते अ... >> कभी दरवेश के तकिया में भी आ कर देखो तंग-दस्ती में भी आराम मयस्सर निकला Share on: