लाश क़ातिल ने खुली फेंक दी चौराहे पर By Sher << मैं ने आँखों में जला रखा ... कभी दरवेश के तकिया में भी... >> लाश क़ातिल ने खुली फेंक दी चौराहे पर देखने वाला कोई घर से न बाहर निकला Share on: