कभू पहुँची न उस के दिल तलक रह ही में थक बैठी By Sher << मुझ को मस्त-ए-शराब होना थ... मैं चाहता हूँ हक़ीक़त-पसं... >> कभू पहुँची न उस के दिल तलक रह ही में थक बैठी बजा इस आह-ए-बे-तासीर पर तासीर हँसती है Share on: