मैं चाहता हूँ हक़ीक़त-पसंद हो जाऊँ By Sher << कभू पहुँची न उस के दिल तल... ये सुन के आज हश्र में वो ... >> मैं चाहता हूँ हक़ीक़त-पसंद हो जाऊँ मगर है इस में ये मुश्किल हक़ीक़तें हैं बहुत Share on: