कभू तू रो तो उस को ख़ाक ऊपर जा के ऐ लैला By Sher << मुझ को नहीं क़ुबूल दो-आलम... मैं गुल-ए-ख़ुश्क हूँ लम्ह... >> कभू तू रो तो उस को ख़ाक ऊपर जा के ऐ लैला कि बिन पानी जंगल में रूह मजनूँ की भटकती है Share on: