क़दम रक्खा जो राह-ए-इश्क़ में हम ने तो ये देखा By Sher << न लुटता दिन को तो कब रात ... जाँ-बर हो किस तरह तप-ए-सौ... >> क़दम रक्खा जो राह-ए-इश्क़ में हम ने तो ये देखा जहाँ में जितने रहज़न हैं इसी मंज़िल में रहते हैं Share on: