कहाँ ये बात हासिल है तिरी मस्जिद को ऐ ज़ाहिद By Sher << ज़हे क़िस्मत कि उस के क़ै... रोज़ है दर्द-ए-मोहब्बत का... >> कहाँ ये बात हासिल है तिरी मस्जिद को ऐ ज़ाहिद सहर होते जो हम ने देखे हैं झुरमुट शिवाले में Share on: