कहीं ऐसा न हो कम-बख़्त में जान आ जाए By Sher << शुबह 'नासिख़' नही... हँसी-ख़ुशी से बिछड़ जा अग... >> कहीं ऐसा न हो कम-बख़्त में जान आ जाए इस लिए हाथ में लेते मिरी तस्वीर नहीं Share on: