कहिए क्यूँकर न उसे बादशह-ए-किश्वर-ए-हुस्न By Sher << कैफ़ियत महफ़िल-ए-ख़ूबाँ क... काफ़िर हूँ जो महरम पे भी ... >> कहिए क्यूँकर न उसे बादशह-ए-किश्वर-ए-हुस्न कि जहाँ जा के वो बैठा वहीं दरबार लगा Share on: