काफ़िर हूँ जो महरम पे भी हाथ उस के लगा हो By Sher << कहिए क्यूँकर न उसे बादशह-... जो कि सज्दा न करे बुत को ... >> काफ़िर हूँ जो महरम पे भी हाथ उस के लगा हो मशहूर ग़लत महरम-ए-असरार हुए हम Share on: