कहते हैं मिरे दोस्त मिरा हाल देख कर By Sher << इतना भी इंहिसार मिरे साए ... या रब तिरी रहमत का तलबगार... >> कहते हैं मिरे दोस्त मिरा हाल देख कर दुश्मन को भी ख़ुदा न करे मुब्तला-ए-इश्क़ Share on: