या रब तिरी रहमत का तलबगार है ये भी By Sher << कहते हैं मिरे दोस्त मिरा ... मुझे पढ़ता कोई तो कैसे पढ... >> या रब तिरी रहमत का तलबगार है ये भी थोड़ी सी मिरे शहर को भी आब-ओ-हवा दे Share on: