कहते हैं उम्र-ए-रफ़्ता कभी लौटती नहीं By Sher << कैसे क़िस्से थे कि छिड़ ज... इन शोख़ हसीनों पे जो माइल... >> कहते हैं उम्र-ए-रफ़्ता कभी लौटती नहीं जा मय-कदे से मेरी जवानी उठा के ला tis said this fleeting life once gone never returns go to the tavern and bring back my youth again Share on: