कहते थे हम न देख सकें रोज़-ए-हिज्र को By Sher << हम जैसों ने जान गँवाई पाग... यूँ भी इक बार तो होता कि ... >> कहते थे हम न देख सकें रोज़-ए-हिज्र को पर जो ख़ुदा दिखाए सो नाचार देखना Share on: