क़िबला-ओ-काबा ये तो पीने पिलाने के हैं दिन By Sher << शब-ए-वसलत तो जाते जाते अं... किसे ख़बर वो मोहब्बत थी य... >> क़िबला-ओ-काबा ये तो पीने पिलाने के हैं दिन आप क्या हल्क़ के दरबान बने बैठे हैं Share on: