कैसा ये दिन है जो नहीं लाता है रू-ब-शाम By Sher << तमीज़-दैर-ओ-का'बा है ... समझ के करते हैं बाज़ार मे... >> कैसा ये दिन है जो नहीं लाता है रू-ब-शाम कैसी ये शब है जिस की सहर ना-पदीद है Share on: