समझ के करते हैं बाज़ार में वो पुर्सिश-ए-हाल By Sher << कैसा ये दिन है जो नहीं ला... तमाशा है मिरी रिंदी कि सा... >> समझ के करते हैं बाज़ार में वो पुर्सिश-ए-हाल कि ये कहे कि सर-ए-रहगुज़र है क्या कहिए Share on: