कैसे बे-रहम हैं सय्याद इलाही तौबा By Sher << कहीं जो बुलबुल ने देख पाय... उसी को बात न पहुँचे जिसे ... >> कैसे बे-रहम हैं सय्याद इलाही तौबा मौसम-ए-गुल में मुझे काट के पर रखते हैं Share on: