क़ैस समझा मिरी लैला की सवारी आई By Sher << बोसा देते नहीं और दिल पे ... मुझ को रोने तो दो दिखा दू... >> क़ैस समझा मिरी लैला की सवारी आई दूर से जब कोई सहरा में बगूला उट्ठा Share on: