मुझ को रोने तो दो दिखा दूँगा By Sher << क़ैस समझा मिरी लैला की सव... ज़ुल्फ़ों में किया क़ैद न... >> मुझ को रोने तो दो दिखा दूँगा बुलबुला है ये आसमान नहीं Share on: