कल जहाँ से कि उठा लाए थे अहबाब मुझे By Sher << लो आज हम ने तोड़ दिया रिश... मुनव्वर माँ के आगे यूँ कभ... >> कल जहाँ से कि उठा लाए थे अहबाब मुझे ले चला आज वहीं फिर दिल-ए-बे-ताब मुझे the place from where my friends had picked me yesterday my restless heart takes me again to that place today Share on: