कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तू ने हम-नशीं By Sher << तुझ में कस-बल है तो दुनिय... तुम क्यूँ शब-ए-जुदाई पर्द... >> कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तू ने हम-नशीं इक तीर मेरे सीने में मारा कि हाए हाए Share on: