कम है कुछ कुंदन से क्या चेहरे का उस के रंग-ए-ज़र्द By Sher << तर्क-ए-मय की हुई तलाफ़ी य... सौ बार बंद-ए-इश्क़ से आज़... >> कम है कुछ कुंदन से क्या चेहरे का उस के रंग-ए-ज़र्द इश्क़ कर के 'मुसहफ़ी' तू कीमिया-गर हो गया Share on: