कमाल-ए-तालिब-ए-दुनिया-ए-दूँ है पीर-ए-हरम By Sher << तुम गले मिल कर जो कहते हो... वो उठा कर यक क़दम आया न ग... >> कमाल-ए-तालिब-ए-दुनिया-ए-दूँ है पीर-ए-हरम ख़ुदा के घर में है लेकिन ख़ुदा से बाहर है Share on: