क़त्ल-ए-हुसैन अस्ल में मर्ग-ए-यज़ीद है By कर्बला, Sher << जो असासा ज़िंदगी का उस ने... अव्वल आख़िर ही जब नहीं बस... >> क़त्ल-ए-हुसैन अस्ल में मर्ग-ए-यज़ीद है इस्लाम ज़िंदा होता है हर कर्बला के बाद Share on: