क़तरे की जुरअतों ने सदफ़ से लिया ख़िराज By Sher << मुझ को काफ़ी है बस इक तेर... ता हश्र रहे ये दाग़ दिल क... >> क़तरे की जुरअतों ने सदफ़ से लिया ख़िराज दरिया समुंदरों में मिले और मर गए Share on: