कटते भी चलो बढ़ते भी चलो बाज़ू भी बहुत हैं सर भी बहुत By Sher << ख़ैर दोज़ख़ में मय मिले न... करो कज जबीं पे सर-ए-कफ़न ... >> कटते भी चलो बढ़ते भी चलो बाज़ू भी बहुत हैं सर भी बहुत चलते भी चलो कि अब डेरे मंज़िल ही पे डाले जाएँगे Share on: