कटती किसी तरह से नहीं ये शब-ए-फ़िराक़ By Sher << न हम से इश्क़ का मफ़्हूम ... जो चश्म-ए-दिल-रुबा के वस्... >> कटती किसी तरह से नहीं ये शब-ए-फ़िराक़ शायद कि गर्दिश आज तुझे आसमाँ नहीं Share on: