कौन पढ़ता है यहाँ खोल के अब दिल की किताब By Sher << नासेहा आशिक़ी में रख मा&#... पहले चादर की हवस में पाँव... >> कौन पढ़ता है यहाँ खोल के अब दिल की किताब अब तो चेहरे को ही अख़बार किया जाना है Share on: