कौन से दुख को पल्ले बाँधें किस ग़म को तहरीर करें By Sher << सख़्त है हैरत हमें जो ज़े... किस ने पाया सुकून दुनिया ... >> कौन से दुख को पल्ले बाँधें किस ग़म को तहरीर करें याँ तो दर्द सिवा होता है और भी अर्ज़-ए-हाल के ब'अद Share on: