ख़ैर से दिल को तिरी याद से कुछ काम तो है By हिज्र, याद, विसाल, दिल, Sher << ख़ल्वत-ए-उम्मीद में रौशन ... कम नहीं ऐ दिल-ए-बेताब मता... >> ख़ैर से दिल को तिरी याद से कुछ काम तो है वस्ल की शब न सही हिज्र का हंगाम तो है Share on: