अभी मरने की जल्दी है 'इबादी' By Sher << दरिया को अपनी मौज की तुग़... हवा-ए-वहशत दिल ले उड़ी कह... >> अभी मरने की जल्दी है 'इबादी' अगर ज़िंदा रहे तो फिर मिलेंगे Share on: