हवा-ए-वहशत दिल ले उड़ी कहाँ से कहाँ By Sher << अभी मरने की जल्दी है '... वो जो एक बात थी गुफ़्तनी ... >> हवा-ए-वहशत दिल ले उड़ी कहाँ से कहाँ पड़ी है दूर ज़मीं गर्द-ए-कारवाँ की तरह Share on: