ये वक़्फ़ा साअ'तों का चंद सदियों के बराबर है By Sher << किसी के हाथ में जाम-ए-शरा... आग़ाज़-ए-मोहब्बत से अंजाम... >> ये वक़्फ़ा साअ'तों का चंद सदियों के बराबर है वो अब आवाज़ देते हैं तो पहचानी नहीं जाती Share on: