'मीर' का तर्ज़ अपनाया सब ने लेकिन ये अंदाज़ कहाँ By Sher << हम जो पहुँचे तो लब-ए-गोर ... हमारी बात मोहब्बत सीं तुम... >> 'मीर' का तर्ज़ अपनाया सब ने लेकिन ये अंदाज़ कहाँ 'आज़मी'-साहिब आप की ग़ज़लें सुन सुन कर सब हैराँ हैं Share on: