ख़म-ए-मेहराब-ए-अबरुवाँ के बीच By Sher << फिर नई हिजरत कोई दरपेश है ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत... >> ख़म-ए-मेहराब-ए-अबरुवाँ के बीच काम आँखों का है इमामत का Share on: