ख़त में लिक्खी है हक़ीक़त दश्त-गर्दी की अगर By Sher << ख़ुदा-हाफ़िज़ है अब ऐ ज़ा... ख़रीदारी-ए-जिंस-ए-हुस्न प... >> ख़त में लिक्खी है हक़ीक़त दश्त-गर्दी की अगर नामा-बर जंगली कबूतर को बनाना चाहिए Share on: