ख़त्म हो जाते जो हुस्न ओ इश्क़ के नाज़ ओ अदा By Sher << शोहरत की फ़ज़ाओं में इतना... लोग मुझ को मिरे आहंग से प... >> ख़त्म हो जाते जो हुस्न ओ इश्क़ के नाज़ ओ अदा शायरी भी ख़त्म हो जाती नबुव्वत की तरह Share on: