ख़ूब-रूओं कि बिगड़ने में भी हैं लाखों बनाव By Sher << सूरत तो दिखाते हैं गले से... गर मज़ा चाहो तो कतरो दिल ... >> ख़ूब-रूओं कि बिगड़ने में भी हैं लाखों बनाव कहीं अच्छों की कोई बात बुरी होती है Share on: