गर मज़ा चाहो तो कतरो दिल सरौते से मिरा By Sher << ख़ूब-रूओं कि बिगड़ने में ... ये ज़िल्लत-ए-इश्क़ तेरे ह... >> गर मज़ा चाहो तो कतरो दिल सरौते से मिरा तुम सुपारी की डली रखते हो नाहक़ पान में Share on: